Sunday, 5 January 2014

मृत्यु

किसकी मृत्यु कैसे होगी? इन 3 लक्षणों से फौरन चलता है पता

किसकी मृत्यु कैसे होगी? इन 3 लक्षणों से फौरन चलता है पता
 हिन्दू धर्मशास्त्रों में न केवल जीवन के रहते अच्छे या बुरे कर्मों को सुख और दु:ख की वजह बताया गया है, बल्कि इन सद्कर्मों व दुष्कर्मों को सुखद व दु:खद मृत्यु नियत करने वाला भी बताया गया है। इसे दूसरे शब्दों में सद्गति व दुर्गति भी कहा जाता है। चूंकि मृत्यु अटल सत्य है, इसलिए हर ग्रंथ में हमेशा अच्छे गुण, विचार व आचरण को अपनाने की सीख दी गई है। 
खासतौर पर अक्सर कई लोगों की ऐसी प्रवृत्ति उजागर होती है कि वे ज़िंदगी को अच्छे कामों से संवारने की कोशिशों से बचते रहते हैं, किंतु मृत्यु को सुधारने की गहरी चाहत रखते हैं। मृत्यु से जुड़े कई रहस्य हिंदू धर्मशास्त्र गरुड़ पुराण में उजागर हैं। इसी कड़ी में जानिए मृत्यु से जुड़ी वे 3 खास बातें, जो बताती हैं कि किसकी मृत्यु कैसे होगी -  

हिन्दू धर्मग्रंथ गरुड़ पुराण में जीवन में किए अच्छे-बुरे कामों के मुताबिक मृत्यु के वक्त कैसे हालात बनते हैं? इसके बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं बताया है। जानिए किस काम से कैसी मौत मिलती है?
- जो लोग सत्य बोलते हैं, ईश्वर में आस्था और विश्वास रखते हैं, विश्वासघाती नहीं होते, उनकी मृत्यु सुखद होती है। 

जो लोग दूसरों को आसक्ति, मोह का उपदेश देते हैं, अविद्या या अज्ञानता, द्वेष या स्वार्थ, लोभ की भावना फैलाते हैं, वे मृत्यु के समय बहुत ही कष्ट उठाते हैं। 
झूठ बोलने वाला, झूठी गवाही देने वाला, भरोसा तोडऩे वाला, शास्त्र व वेदों की बुराई करने वालों की दुर्गति सबसे ज्यादा होती है। उनकी बेहोशी में मृत्यु हो जाती है। 

यही नहीं ऐसे लोगों को लेने के लिए भयानक रूप और गंध वाले यमदूत आते हैं, जिसे देखकर जीव कांपने लगता है। तब वह माता-पिता व पुत्र को याद कर रोता है।

ऐसी हालात में वह चाहकर भी मुंह से साफ नहीं बोल पाता। उसकी आंखे घूमने लगती है। मुंह का पानी सूख जाता है, सांस बढ़ जाती है और अंत में कष्ट से दु:खी होकर प्राण त्याग देता है। मृत्यु को प्राप्त होते ही उसका शरीर सभी के लिए न छूने लायक और घृणा करने वाला बन जाता है।

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