कांचीपुरम भारत के सात पवित्र शहरों में से एक है. अगर हम कांचीपुरम को मंदिरों का शहर कहें, तो ये गलत नहीं होगा. यहां पर 126 शानदार मंदिर देखे जा सकते हैं.
तमिलनाडु का ये शहर प्राचीन चोल और पल्लव राजाओं की राजधानी थी. ये शहर दक्षिण पश्चिम में वेगवती नदी के किनारे बसा है. मंदिरों के अलावा यहां पर बनने वाली रेशमी साड़ियां दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं.
क्या देखें-
कैलाशनाथ मंदिर- कैलाशनाथ मंदिर कांचीपुरम का सबसे पुराना मंदिर है. इस मंदिर को भारत के सबसे शानदार मंदिरों में भी गिना जाता है.
शानदार मंदिरों में भी गिना जाता है. पल्लव वंश के राजाओं ने इस मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में कराया था. मंदिर में देवी पार्वती और शिव की नृत्य प्रतियोगिता को दर्शाया गया है.बैकुंठ पेरूमल मंदिर- ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. मंदिर में भगवान विष्णु को बैठे, खड़े और आराम की मुद्रा में देखा जा सकता है.
इस मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में पल्लव राजा नंदीवर्मन पल्लवमल्ला ने करवाया था. इस मंदिर की दीवारों और स्तम्भों पर की गई कारीगरी देखते ही बनती है.
मंदिर की दीवारों में आपको पल्लव और चालुक्यों के बीच हुए युद्धों के बेहद सुंदर दृश्य देखने को मिलेंगे. इतना ही नहीं, यहां पर 1000 स्तम्भों वाला एक विशाल हॉल भी है. प्रत्येक स्तम्भ में नक्काशी से तस्वीर उकेरी गई हैं, जो उत्तम कारीगर की प्रतीक हैं.
कामाक्षी अम्मन मंदिर- 1.6 एकड़ में फैला ये मंदिर देवी शक्ति के तीन सबसे पवित्र स्थानों में एक है. मदुरै और वाराणसी अन्य दो पवित्र स्थल हैं. ये मंदिर नगर के बीचों-बीच है. इस मंदिर को भी पल्लवों ने बनवाया था.
वरदराज मंदिर- इस मंदिर में भगवान विष्णु को देवराजस्वामी रूप में पूजा जाता है. मंदिर में 100 स्तम्भों वाला एक हॉल है, जिसे विजयनगर के राजाओं ने बनवाया था. ये मंदिर बेहर सुंदर कारीगरी से बनवाया गया है.
एकमबारानाथर मंदिर- 11 खंडों में बंटा ये मंदिर दक्षिण भारत के सबसे ऊंचे मंदिरों में एक है. ये मंदिर
भगवान शिव को समर्पित है. मंदिर में बहुत सी पुरानी मूर्तियां भी देखी जा सकती हैं.
इस मंदिर को पल्लवों ने बनवाया था. बाद में इसका पुर्ननिर्माण चोल और विजयनगर के राजाओं ने करवाया.
इस मंदिर को पल्लवों ने बनवाया था. बाद में इसका पुर्ननिर्माण चोल और विजयनगर के राजाओं ने करवाया.
वेदानथंगल और किरीकिरी पक्षी अभ्यारण्य- ये दोनों पक्षी अभ्यारण्य कांचीपुरम के अंदरूनी भाग में है. इन अभ्यराण्य में पाकिस्तान, श्रीलंका,ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और साइबेरियन पक्षियों को देखा जा सकता है.
ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और साइबेरियन पक्षियों को देखा जा सकता है. वेदानथंगल 30 हेक्टेयर और किरीकिरी 61 हेक्टेयर में फैला हुआ है.
यहां पर आप बबूल और बैरिंगटोनिया के पेड़ भी देख सकते हैं. इन दोनों अभ्यराण्य में तकरीबन 115 पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं.
कैसे जाएं-वायु मार्ग- कांचीपुरम का निकटतम एयरपोर्ट चेन्नई है. चेन्नई से कांचीपुरम लगभग 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है.
रेल मार्ग- कांचीपुरम का रेलवे स्टेशन चेन्नई, चेन्गलपट्टु, तिरूपति और बैंगलोर से जुड़ा है.
सड़क मार्ग- कांचीपुरम तमिलनाडु के लगभग सभी शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है.
No comments:
Post a Comment