स्कंदपुराण हरीवंश और विष्णुपुराण में गिरनार की महता का जो वर्णन किया गया है उसमें गिरनार के अन्य नामका भी उल्लेख है जैसे रैवत, रेवताचल, कुमद और उज्जैयन्त। पुरानकाल में जुनागढ के राजा रेवत जिनकी पुत्री थी रेवती, जो श्रीकृष्ण के बडेभाई बलराम जी के साथ ब्याही गई थी। राजा रेवत के नाम से गिरनार को रैवतगिरी भी कहा जाता था।
नजदिकका भूमि मार्ग:
गांधीनगर से ३५५ कि.मी.
वडोदरा से ३१६ कि.मी.
अमदावाद से ३२७ कि.मी.
सुरत से ५६३ कि.मी.
राजकोट से १०२ कि.मी.
केशोद से ४० कि.मी.
नजदिकका रेलवे स्थानक:
जुनागढ
नजदिकका हवाईमथक: केशोद और राजकोट
ताकातवर सोरठ प्रदेश का गौरवशाली गिरनार:
जुनागढ शहर से करीब चार किलो मीटर की दूरी पर आया हुआ गिरनार का पहाड ३२०० फूट की उंचाइ वाला है। हजारों साल पूर्वे इस पहाडीकी चोटी पर ऋषी दत्तात्रयने कठीन तपश्वर्या पूर्ण की थी, आज भी श्रध्धालु यात्री गुरूदत्तात्रय के पदचिन्होके दर्शन हेतु वहाँ तक जाते है। दत्तात्रय की उस पहाडी की और जाते हुए मार्ग पर प्रथम अंबाजीका मंदिर आता है,
दत्तात्रय मंदिर के पीछले विस्तार पर सीतावन और भरतवन है, आवर्तक पर राजा भ्रतुहरिकी गुफा है और वहीं से अंबिका चोटी पर मा अंबेका ७०० साल पुराना मंदिर है। गोरखशिखर जो अंबा-मंदिर से आगे बढते हुए मार्ग मे आता है वहाँ गोरखनाथ यज्ञस्थल और पादचिन्ह है। वहाँ से आगे बढेंगे तो गुरूदत्तात्रयजी पादुकाओं के दर्शन कर पायेंगे। दातार शिखर के उपर आई हुई पांडवगुफा, शेषवन और सीतामढी आदि स्थल अति पेक्षणिय है। भवनाथ महादेवका भव्य मेला महाशिवरात्री में गिरीतलहटी में लगता है। बहुधा उस समय फरवरी महिना रहता है।
माना जाता कि भोलेनाथ भगवान शिव-शंकर इस मेलेमें स्वयं आगमन करते है। महाशिवरात्री का यह मेला पूरे पांच दिन रात लगा रहता है और इस दौरान यहाँ के मृगीकुंडमें स्नान करने के लिये अघोरीपंथ के और नंगे साधु, चमत्कारिक संत और साधुमहात्माऐं बडी तादाद में आ जाते है कार्तिक महिने के दौरान दिवाली के प्रश्चात १५ दिन के समय में श्रध्धालु लोग गिरनार की परिक्रमा हजारो, लाखों की तादाद में करने के लिये आते है। इस परिक्रमा को हरियाली परिक्रमा भी कहते है। परिक्रमा दरम्यान लोग पैदलयात्रा करते हुऐ परिक्रमा पथ पर चलते रहते है।
गिरनारकी तलहटी में अति सुंदर अतिस्वच्छ दामोदरकुंड और मैया वाघेश्वरी का मंदिर है।
नजदिकका भूमि मार्ग:
वडोदरा से ३१६ कि.मी.
अमदावाद से ३२७ कि.मी.
सुरत से ५६३ कि.मी.
राजकोट से १०२ कि.मी.
केशोद से ४० कि.मी.
नजदिकका रेलवे स्थानक:
जुनागढ
नजदिकका हवाईमथक: केशोद और राजकोट
संपर्क माहिती:
क्लेक्टरश्री,
जुनागढ और अध्यक्षश्री गिरनार विकास समिति, पवित्र यात्राधामफोन नं. (०२८५) २६५०२०१-०२
(निवास) २६५०२०३
(मो.) ९८७९३३६९९९
जुनागढ और अध्यक्षश्री गिरनार विकास समिति, पवित्र यात्राधामफोन नं. (०२८५) २६५०२०१-०२
(निवास) २६५०२०३
(मो.) ९८७९३३६९९९
नायब तहसिलदार:(०२८५)
(कार्यालय) २६५०२०२
(फेक्स) २६५१३३२
(निवास) २६५०२०२
(मो.) ९८२५०४९२९३
(कार्यालय) २६५०२०२
(फेक्स) २६५१३३२
(निवास) २६५०२०२
(मो.) ९८२५०४९२९३
No comments:
Post a Comment